हसरतों की बस रवानी रह गई
रास्ते में वो जवानी रह गई
रुख़ हवा का कुछ समझ पाई नहीं
सोचती कुछ जिंदगानी रह गई
उन चहकती चूड़ियों की खुश खनक
याद की बस मेहरबानी रह गयी
कब हुई वर्षा , खिले थे कब कमल
बस सुनाने को कहानी रह गई
उस कली का रंग क्या ,क्या थी महक
सोचती रातों की रानी रह गई
क्यों परी को वक्त ने यों खा लिया
खींजती आकाशवानी रह गई
है रगों में दर्द , सीने में जलन
ज़ख़्म की दिल पर निशानी रह गई
वो
झर कर ,मिला है धूल में
याद की खुशबू सुहानी रह गई
रास्ते में वो जवानी रह गई
रुख़ हवा का कुछ समझ पाई नहीं
सोचती कुछ जिंदगानी रह गई
उन चहकती चूड़ियों की खुश खनक
याद की बस मेहरबानी रह गयी
कब हुई वर्षा , खिले थे कब कमल
बस सुनाने को कहानी रह गई
उस कली का रंग क्या ,क्या थी महक
सोचती रातों की रानी रह गई
क्यों परी को वक्त ने यों खा लिया
खींजती आकाशवानी रह गई
है रगों में दर्द , सीने में जलन
ज़ख़्म की दिल पर निशानी रह गई
वो
झर कर ,मिला है धूल में
याद की खुशबू सुहानी रह गई
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