सर्द मौसम में इश्क़ को अपने, कुछ यु आजमाते है,
तुम आँखे बंद करो अपनी, हम तुम्हे सीने से लगाते है...!!!
रिश्ता अपना ये जो ठहर सा गया है कुछ वक़्त से,
गुफ़्तु फिर वही करके, इसे फिर से आगे बढ़ाते है...!!!
कुछ याद तुम मुझे करो, कुछ याद हम तुम्हे करें,
ख़्यालो में फिर से एक दूसरे के "हम तुम" खो जाते है...!!!
जब आ ही गया है, एक बार फिर से ये प्यार का मौसम,
दूरियां दिलों की मिटा के, हम फिर से एक हो जाते है...!!!
यु तो याद करने से तुझे, ठहर रहा मेरा हर लम्हा है,
आखिरी बार ही सही, लम्हों को फिर से यादगार बनाते है..🦂
तुम आँखे बंद करो अपनी, हम तुम्हे सीने से लगाते है...!!!
रिश्ता अपना ये जो ठहर सा गया है कुछ वक़्त से,
गुफ़्तु फिर वही करके, इसे फिर से आगे बढ़ाते है...!!!
कुछ याद तुम मुझे करो, कुछ याद हम तुम्हे करें,
ख़्यालो में फिर से एक दूसरे के "हम तुम" खो जाते है...!!!
जब आ ही गया है, एक बार फिर से ये प्यार का मौसम,
दूरियां दिलों की मिटा के, हम फिर से एक हो जाते है...!!!
यु तो याद करने से तुझे, ठहर रहा मेरा हर लम्हा है,
आखिरी बार ही सही, लम्हों को फिर से यादगार बनाते है..🦂
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