Monday, 23 October 2017

गांव की बातड़ली

लटकै भींता लेवड़ा, छातां में चमचेड़ ।
गजबी म्हे हां गामड़ा, म्हांनै थूं ना छेड़ ।।

मुरदी मुरदी गावड़ी, मुरदा मुरदा बैल ।
मुरदी अठै लुगावड़ी, मुरदा टाबर गैल ।।

कुड़तौ लीरम लीर है, कज्छ अजूबै कट्ट ।
आगौ आगौ साबतौ, पीच्छौ सफ्फा चट्ट ।।

तार तार सलवार सूं, बारै झांकै आब ।
कारी पर कारी चढी, कुड़तै दियौ जवाब ।।

बांका चूंका ढुंढिया, बांकी चूंकी पोळ ।
पोळी आगै भींटकौ, ओ घर कीं रौ बोल ।।

घास फूस रौ झूंपड़ौ, भींटेरां री बाड़ ।
गूंथ बणायौ टाटियौ, बीं री करसी आड़ ।।

।। रामस्वरुप किसान ।।बातड़ली

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