Monday, 23 October 2017

खुशियाँ

💫 *हम तो खुशियाँ
उधार देने का*
*कारोबार करते हैं,साहब*

*कोई वक़्त पे लौटाता नहीं है*
*इसलिए घाटे में हैं....*

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