*पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है...!*
*आजकल हवा के लिए रोशनदान कौन रखता है...!!*
*अपने घर की कलह से फुरसत मिले तो सुने…!*
*आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है...!!*
*खुद ही पंख लगाकर उड़ा देते हैं चिड़ियों को..!*
*आज कल परिंदों मे जान कौन रखता है..!!*
*हर चीज मुहैया है मेरे शहर में किश्तों पर..!*
*आज कल हसरतों पर लगाम कौन रखता है..!!*
*बहलाकर छोड़ आते है वृद्धाश्रम में मां_बाप को..!*
*आज कल घर में पुराना सामान कौन रखता है…!!*
*सबको दिखता है दूसरों में इक बेईमान इंसान…!*
*खुद के भीतर मगर अब ईमान कौन रखता है…!!*
*फिजूल बातों पे सभी करते हैं वाह-वाह..!*
*अच्छी बातों के लिये अब जुबान कौन रखता है**
*आजकल हवा के लिए रोशनदान कौन रखता है...!!*
*अपने घर की कलह से फुरसत मिले तो सुने…!*
*आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है...!!*
*खुद ही पंख लगाकर उड़ा देते हैं चिड़ियों को..!*
*आज कल परिंदों मे जान कौन रखता है..!!*
*हर चीज मुहैया है मेरे शहर में किश्तों पर..!*
*आज कल हसरतों पर लगाम कौन रखता है..!!*
*बहलाकर छोड़ आते है वृद्धाश्रम में मां_बाप को..!*
*आज कल घर में पुराना सामान कौन रखता है…!!*
*सबको दिखता है दूसरों में इक बेईमान इंसान…!*
*खुद के भीतर मगर अब ईमान कौन रखता है…!!*
*फिजूल बातों पे सभी करते हैं वाह-वाह..!*
*अच्छी बातों के लिये अब जुबान कौन रखता है**
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